॥श्रीहरिः॥
ललिता सखी कहने लगी .....
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कामवन काहु दिन , काहु दिन बरसाने
नंदगांम काहु दिन , नंद घर धावैगे ।।
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छिद्र वन काहु दिन , भद्रवन काहु दिन ।
काऊ दिन मधुवन वृंदावन आवैंगे ।।
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प्रेमी कहे काहु , दिन दाऊजी दरस करें
काहू दिन गोकुल में यमुना नहावैंगे ।।
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गोवर्धन राधा कुंड जतीपुरा गिरिराज
काहू दिन या चक्कर में श्रीकृष्ण मिल जावैंगे
- Upendra Chaturvedi
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Harshit chaturvedi