महता शैला नामक व्यक्ति | अनोखी कथा
श्रीलंका के सीलोन नगर में महता शैला नामक व्यक्ति रहता था।वह परम ईश्वरभक्त और ईमानदार था।
वह सदाचार पर अडिग रहता था।वह धर्मशास्त्रों का वाक्य दोहराया करता था
कि बिना परिश्रम के प्राप्त हुआ धन विष का काम करता है।वह पहले जड़ी-बूटियों का थोक व्यापारी था,लेकिन अब वह स्वंय जंगलों से जड़ी-बूटियाँ लाता और उन्हें बेचकर दिन गुजारता था।
उसका एक मित्र था लरोटा।वह भी पहले काफी धनी था और उसके बाग-बगीचे थे,लेकिन इन दिनों गरीबी के दिन बिता रहा था। एक दिन महता शैसा लरोटा के बगीचे में जमीन खोदकर जड़ी- बूटी तलाश रहा था
कि अचानक उसे एक घड़ा दिखाई दिया।उसमें सोने की अशर्फियां भरी हुई थीं।
शैसा ने अशर्फियां देखीं,किंतु उसके अंदर की सच्चाई ने लालच को पास भी फटकने नहीं दिया।
उसने घड़े को मिट्टी में ही दबा दिया और लरोटा के पास पहुंचकर सूचना दी कि बगीचे में अशर्फियों से भरा घड़ा है।लरोटा बगीचे में पहुंचा।अशर्फियां देखकर उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
उसने शैसा को कुछ अशर्फियां इनाम में देने की कोशिश की,तो उसने यह कहकर अशर्फियां ठुकरा दीं कि दूसरे का धन "विष"के समान घातक होता है।
लरोटा ने बगीचे की और खुदाई की,तो उसे अशर्फियों से भरे कई घड़े मिले।शैसा की ईमानदारी से प्रभावित होकर उसने अपनी बहन का विवाह उससे कर दिया।शैसा ने विवाह में भी दहेज नहीं लिया और परिश्रम कर दिन बिताता रहा।
जयश्रीकृणा,
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Harshit chaturvedi